माई मैं तो गोविन्द सों अटकी
चकित भये हैं दृग दोउ मेरे
लखि शोभा नट की
शोभा अंग अंग प्रति भूषण
वनमाला तटकी
मोर मुकुट कटि किंकनि राजे
दुति दामिनी पटकी
रमित भयी हौं सांवरे के संग
लोग कहें भटकी
छूटी लाज कुल कानि लोग डर
रह्यो न घर हटकी
मीरा प्रभु के संग फिरेगी
कुञ्ज कुञ्ज लटकी
श्री गोपाल लाल बिन सजनी
को जानै घटकी