सजनी गावो री मगंलाचार
चिर जीवों वृषभानु नन्दिनी,दुलह नन्द कुमार
मोहन के सिर मुकुट विराजे राधा के उर हार
नीलाम्बर पिताम्बर कि छवि शोभा अपरम्पार
मण्डप छायो देख बरसाने बैठे नन्द कुमार
भॉवरि देत प्रिया और प्रीतम तन मन दिजे वार
ब्याह जोरी अविचल श्री वृदांवन क्रीडत करत विहार
परमानन्द मनोरथ पुरन भक्तन प्राण अधार
हरि जी किरपा करते देते भक्ति के आधार